शिव अभिषेक (Shiv Abhishek) से आपकी हर मनोकामना पूरी: विधि और मंत्र अर्थ

शिव अभिषेक की पूरी विधि (मंत्रों के अर्थ सहित)

आवश्यक सामग्री:
1. शुद्ध जल (गंगा जल)
2. दूध
3. दही
4. शहद
5. घी
6. चीनी
7. बेलपत्र
8. धतूरा
9. भांग
10. चंदन
11. पुष्प
12. अक्षत (चावल)
13. धूप और दीप
14. पवित्र स्थान (शिवलिंग)
15. रुद्राक्ष माला
शिव अभिषेक विधि:
1. स्थान की शुद्धि:
सबसे पहले पूजा स्थल की शुद्धि करें। गंगाजल छिड़ककर स्थल को पवित्र करें।
2. शिवलिंग की स्थापना:
शिवलिंग को साफ करें और पूजा स्थान पर स्थापित करें।
3. संकल्प:
एक पात्र में जल लेकर संकल्प लें:
“`
ममोपात्त समस्त दुर्ल्लक्ष्मी निवारणार्थ श्रीपरमेश्वर प्रीत्यर्थं श्रीमहादेव पूजनमहं करिष्ये।
“`
अर्थ:”मैं अपने सभी पापों और दुर्भाग्य को दूर करने के लिए, भगवान महादेव की पूजा करने का संकल्प लेता हूँ।”
4. आवाहन (भगवान शिव का आवाहन):
“`
ॐ श्री महागणाधिपतये नमः।
ॐ नमः शिवाय।
“`
अर्थ:”भगवान गणेश को प्रणाम और भगवान शिव को नमन।”
5. पंचामृत अभिषेक:
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से शिवलिंग का अभिषेक करें:
“`
ॐ नमः शिवाय।
“`
अर्थ: “भगवान शिव को नमन।”
6. जल अभिषेक:
शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करें:
“`
ॐ गंगाधराय नमः।
“`
अर्थ:”गंगा को धारण करने वाले भगवान शिव को नमन।”
7. दूध अभिषेक:
दूध से अभिषेक करें:
“`
ॐ महादेवाय नमः।
“`
अर्थ:”महान देवता भगवान शिव को नमन।”
8. दही अभिषेक:
दही से अभिषेक करें:
“`
ॐ त्र्यम्बकाय नमः।
“`
अर्थ: “तीन नेत्रों वाले भगवान शिव को नमन।”
9. शहद अभिषेक:
शहद से अभिषेक करें:
“`
ॐ नमः शिवाय।
“`
अर्थ: “भगवान शिव को नमन।”
10. घी अभिषेक:
घी से अभिषेक करें:
“`
ॐ पशुपतये नमः।
“`
अर्थ: “सभी प्राणियों के स्वामी भगवान शिव को नमन।”
11. चीनी अभिषेक:
चीनी से अभिषेक करें:
“`
ॐ शम्भवे नमः।
“`
अर्थ: “शांति के दाता भगवान शिव को नमन।”
12. गंगाजल अभिषेक:
गंगा जल से शिवलिंग का अंतिम अभिषेक करें:
“`
ॐ हर हर गंगे।
“`
अर्थ: “गंगा माता को नमन।”
13. चंदन और पुष्प अर्पण:
चंदन का तिलक लगाएं और पुष्प अर्पित करें:
“`
ॐ चन्द्रशेखराय नमः।
“`
अर्थ: “चन्द्रमा को अपने मस्तक पर धारण करने वाले भगवान शिव को नमन।”
14. बेलपत्र अर्पण:
बेलपत्र अर्पित करें:
“`
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्।
त्रिजन्म पाप संहारं एकबिल्वं शिवार्पणम्॥
“`
अर्थ: “यह बेलपत्र तीन पत्तों वाला, तीन गुणों वाला, तीन नेत्रों वाला और तीन आयुधों वाला है। यह त्रिकाल के पापों को नष्ट करने वाला है। इस एक बेलपत्र को शिव को अर्पित करता हूँ।”
15. धतूरा और भांग अर्पण:
धतूरा और भांग अर्पित करें:
“`
ॐ महाकालाय नमः।
“`
अर्थ: “महाकाल रूप भगवान शिव को नमन।”
16. अक्षत अर्पण:
चावल अर्पित करें:
“`
ॐ कैलाशनाथाय नमः।
“`
अर्थ: “कैलाश पर्वत के स्वामी भगवान शिव को नमन।”
17. धूप और दीप:
धूप और दीप जलाकर आरती करें:
“`
ॐ नमः शिवाय।
“`
अर्थ: “भगवान शिव को नमन।”
18. आरती:
शिवजी की आरती गाएं और सभी भक्तों के साथ आरती करें:
“`
ॐ जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव, अर्द्धांगी धारा॥
“`
अर्थ: “ओंकार रूप भगवान शिव की जय हो, भगवान शिव की जय हो। ब्रह्मा, विष्णु और सदाशिव, उनकी अर्द्धांगिनी माता पार्वती हैं।”
19. प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें और सभी भक्तों को बांटें।
समापन:
पूजा के समापन पर भगवान शिव से प्रार्थना करें और क्षमा याचना करें:
“`
कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वा बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतिस्वभावात्।
करोमि यद्यत्सकलं परस्मै नारायणायेति समर्पयामि॥
“`
अर्थ: “अपने शरीर, वाणी, मन, इन्द्रियों, बुद्धि और आत्मा द्वारा, स्वभाव या प्रकृति से जो भी कार्य मैंने किया है, उसे नारायण को समर्पित करता हूँ।”
इस प्रकार, विधिपूर्वक शिव अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।