What is lateral entry ?

Lateral entry के जरिए क्या आप भी सरकारी उच्च पद पर नियुक्त हो सकते हैं?
सरकारी विभागों में विशेषज्ञता की मांग बढ़ती जा रही है, जिसके चलते सरकार ने लैटरल एंट्री की प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य उन व्यक्तियों को उच्च पदों पर नियुक्त करना है, जिनके पास विशिष्ट क्षेत्रों में गहन अनुभव और विशेषज्ञता है। यदि आपने किसी विशेष क्षेत्र में वर्षों तक काम किया है, तो आपके लिए लैटरल एंट्री एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। लेकिन क्या यह प्रक्रिया आपको सीधे जिलाधिकारी (DM) या अन्य उच्च प्रशासनिक पदों पर नियुक्त कर सकती है? आइए जानते हैं।
Lateral entry क्या है?
लैटरल एंट्री का अर्थ है कि सरकार कुछ विशिष्ट पदों पर बाहरी विशेषज्ञों की भर्ती करती है, जो पारंपरिक सरकारी सेवा कैडर से नहीं आते हैं, जैसे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से। इसका उद्देश्य सरकारी विभागों में नई सोच, अनुभव, और विशेषज्ञता लाना है। इसके तहत संयुक्त सचिव, निदेशक, और उप सचिव जैसे पदों के लिए नियुक्ति की जाती है, जहां इन पदों पर नियुक्त व्यक्ति अपने विशेष क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं।
क्या कोई भी Lateral entry के जरिए DM बन सकता है?
यह सवाल कई लोगों के मन में आता है कि क्या वे लैटरल एंट्री के जरिए सीधे जिलाधिकारी (DM) या IAS अधिकारी बन सकते हैं। इसका उत्तर है – नहीं। DM बनने के लिए आपको भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होना होता है, जिसके लिए UPSC की परीक्षा पास करनी अनिवार्य है। लैटरल एंट्री के जरिए केवल उन पदों पर नियुक्ति होती है, जिनमें विशेषज्ञता की जरूरत होती है, जैसे कि संयुक्त सचिव, निदेशक, या उप सचिव।
25 वर्षों का अनुभव रखने वालों के लिए कौन से पद हो सकते हैं?
यदि आपने किसी सरकारी विभाग में, जैसे कि शिक्षा विभाग में, लंबे समय तक काम किया है और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, तो आपके पास लैटरल एंट्री के जरिए उच्च पदों पर नियुक्ति का एक अच्छा अवसर हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने 25 वर्षों तक बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) कार्यालय में काम किया है, तो आप शिक्षा विभाग में निदेशक या उप सचिव जैसे पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इन पदों पर आपकी विशेषज्ञता और अनुभव का उपयोग नीति-निर्माण, शिक्षा सुधार, और प्रबंधन के क्षेत्रों में किया जा सकता है। आपकी ज्ञान और अनुभव सरकारी नीति-निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
लैटरल एंट्री में चयन प्रक्रिया
लैटरल एंट्री के लिए चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और योग्यता-आधारित होती है। उम्मीदवारों को उनके अनुभव, ज्ञान, और योग्यता के आधार पर चुना जाता है। इसके लिए सरकार विज्ञापन जारी करती है, और योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इसके बाद इंटरव्यू और स्क्रीनिंग के जरिए योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।
निष्कर्ष
लैटरल एंट्री सरकारी प्रणाली में विशेषज्ञता और नई सोच लाने का एक प्रभावी तरीका है। हालांकि, इस प्रक्रिया के जरिए सीधे जिलाधिकारी या IAS पदों पर नियुक्ति नहीं होती है, लेकिन उच्च पदों जैसे कि निदेशक, संयुक्त सचिव, और उप सचिव के लिए यह एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। अगर आपके पास सरकारी विभाग में लंबा अनुभव है और आप सेवानिवृत्त हो चुके हैं, तो आप इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं और अपने ज्ञान और अनुभव से देश की सेवा कर सकते हैं।
Related Posts

नीता अंबानी की संपत्ति में बढ़ोतरी: रिलायंस का 8 करोड़ रुपये का डिविडेंड

बांदा बैंक ने 69,000 शिक्षकों को लोन देने से क्यों मना किया? जानें पूरा सच
